महिलाओं को पीरियड में ब्लीडिंग का कम होना एक समस्या है और अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया तो यह अन्य रोगों का कारण बन जाता है।
सामान्य तौर पर महिलाओं के मासिक धर्म का चक्र 24 दिनों से 32 दिनों का होता है अगर इस दौरान महावारी आ जाए तो बिल्कुल सामान्य बात है। नॉर्मल पीरियड्स में 5 से 6 दिन तक ब्लीडिंग होती है जिसमें 2 दिन तक हेवी ब्लीडिंग होती है उसके बाद धीरे-धीरे ब्लीडिंग काम होती जाती है और छठे सातवें दिन तक साफ हो जाती है। यह माहवारी का बिल्कुल सामान्य चक्र है। और इस तरह से पीरियड आना महिला के अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है। पर कई बार बहुत से ऐसे कारण बन जाते हैं जिनसे महिलाओं के मासिक चक्र का बैलेंस बिगड़ जाता है, और ब्लीडिंग कम हो जाती है खुलकर नहीं आती जिनके कारण उन्हें अन्य रोगों का सामना करना पड़ता है।
तो आइए सबसे पहले बात करते हैं इस समस्या के लक्षणों की जिन पर ध्यान देकर आप इस समस्या को पहचान सकती है
- *पीरियड्स में ब्लीडिंग का फ्लो एक या 2 दिन ही रहना
*रुक-रुक कर ब्लीडिंग होना.
*केवल दाग मात्र लगना।
*चेहरे का तेज चला जाना पिंपल होना।
* पेट का भाग अधिक मोटा हो जाना ।
*अधिक गुस्सा आना चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स होना।
*वजन का बढ़ जाना।
कारण क्या है:
*सबसे बड़ा कारण है गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करना और कॉपर टी का इस्तेमाल करना जिसके वजह से महिलाओं का मासिक चक्र डिस्टर्ब हो जाता है।
*अधिक तनाव और स्ट्रेस का होना भी पीरियड के चक्र को डिस्टर्ब कर देता है
हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाना।
*शरीर में खून की कमी होना।
*बहुत अधिक व्यायाम करना।
*पर्याप्त नींद ना लेना।
*पेट साफ न होना या कब्ज रहना।
चलिए अब उपचार जानते है।
*प्रणायाम
नियमित रूप से प्राणायाम करने पर बहुत जल्दी लाभ हो सकता है।योग से हम सभी रोगों से मुक्ति पा सकते ।इस समस्या के लिए आपको ये आसन करने होंगे।
*कपालभाति
*अनुलोमविलोम
*भस्त्रिका
*उज्जाई
*भ्रामरी
*उद्गित
यह सभी आसन आप को 5 से 10 मिनट तक करने होंगे अनुलोम-विलोम 20 मिनट तक कर सकते।
*घरेलू उपचार (home remedy)
दालचीनी का काढ़ा :इसके लिए एक से दो ग्राम दालचीनी को कूटकर पानी में एक घंटे के लिए भिगो दीजिए। जब वो फूल जाए तो उसे पानी में उबाल ले और छान कर पी ले।
तुलसी :तुलसी आयुर्वेद में एक ओषधि है। तुलसी के सेवन से आपको पीरियड की समस्या बहुत जल्दी ठीक हो जाएगी।इसके लिए 10 se 15 तुलसी के पत्ते ले । इन्हे अच्छे से कूटकर ग्राइंडर में पानी डालकर पीस कर बिना छाने पी ले।
अजवाइन: अजवाइन भी गर्भाशय की सफाई करता है। अजवाइन का पाउडर बनाकर रख ले। रोज सुबह खाली पेट 4 से 5 ग्राम अजवाइन का पाउडर पानी के साथ ले।
इन तीन प्रकार के काढ़े में से आपको अपनी सुविधा अनुसार केवल एक ही काढ़े का सेवन करना है।इन सभी काढ़े की तासीर गर्म होती है। आप इनका सेवन 20 से 25 दिन तक करे। फिर जब पीरियड नॉर्मल होने लगे तो केवल पीरियड आने के 5 दिन पहले से लेना शुरू करे और पीरियड के दौरान लेते रहे।
इसके अलावा :
*पपीते का सेवन करे। पका हुआ पपीता आप रोज नाश्ते में ले सकते है।
गाजर का सेवन करे। गाजर आप सलाद में खाए या गजर का जूस पिए। इससे आपको खून की कमी दूर होगी और आयरन भरपूर मिलेगा।
चुकंदर का सेवन खून और आयरन की कमी तो दूर करता है ।चाहे तो इसका जूस ले सकते है या सलाद खा सकते है।
पानी अधिक मात्रा में पिए । कब्ज न रहने दे और
पर्याप्त नींद ले।
तनाव और स्ट्रेस हमारे हार्मोन्स को असंतुलित कर देते है । तनाव और चिंता न करे ।
तो ये थी कुछ जानकारी की कैसे आप आयुर्वेदिक तरीके से अपना उपचार खुद ही कर सकते है।पोस्ट पसंद आए तो शेयर कीजिए ।ओर उन लोगो तक पहुंचाए जिन्हे ये समस्या है।
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