भारतीय परंपरा में दिवाली का त्योहार सबसे बड़ा माना जाता है दिवाली ही भारत का ऐसा त्यौहार है जिसकी तैयारियां 1 महीने पहले से शुरू कर दी जाती है मानो कोई शाही उत्सव की तैयारियां हो रही हो।

आजकल ज्यादातर महिलाएं भी वर्किंग होती है और शायद उन्हें हमारी पारंपरिक विधि बहुत तामझाम वाली लगे या थका देने वाली लगे।
तो आज मैं आपको बताने वाली हूं दिवाली की पूजा विधि जो बहुत आसान है।जिससे कि आप सादगी से दिवाली का त्यौहार मना पाए और मां लक्ष्मी को अपनी सादगी से प्रसन्न कर पाए।
जानिए दिवाली के त्यौहार पर शास्त्रों में क्या नियम बताए गए हैं।
दिवाली के समय घर पर इन नियमों का पालन करें जिससे कि मां लक्ष्मी हमारे घर में सदैव के लिए वास करें।
शास्त्रों में बताया गया है कि स्वच्छता में मां लक्ष्मी का वास होता है और जिस घर में साफ सफाई का ध्यान रखा जाता है।वहा मां लक्ष्मी वास करती है।
क्रोध का त्याग करें सभी से प्रेम की भावना रखें जिस घर के सदस्यों में गुस्सा अधिक होता है ऐसे घर से मां लक्ष्मी रूठ कर चली जाती हैं।
अपने से बड़ों का आदर करें घर के बुजुर्गों को उचित सम्मान दे ।ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जो मनुष्य अपने माता-पिता या बड़ों का अनादर करते हैं उनका शुक्र ग्रह कमजोर हो जाता है और शुक्र ग्रह महालक का है।
ब्रह्म मुहूर्त में उठे। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:00 से 5:30 तक होता है और शास्त्रों में बताया गया है कि जो मनुष्य ब्रह्म मुहूर्त में उठते हैं ऐसे लोगों पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है।
अतिथि को भारतीय परंपरा में विशेष सम्मान दिया गया है।इसलिए यदि कोई अतिथि घर पर आए तो उनका विशेष सम्मान करें शास्त्रों में अतिथि देवो भव के द्वारा बताया गया है कि अतिथि देवता है अतिथि की मन से की गई सेवा आपके कुंडली के दोषों को दूर करती है।
धर्म का पालन करें सात्विक और सरल जीवन बिताई ।झूठ ना बोले कड़वा न बोले ।आप में यदि यह गुण है तो मां लक्ष्मी की कृपा आप पर जरूर होगी और आपको धन-धान्य और सौभाग्य का आशीर्वाद देंगी।
भारत में औरत को लक्ष्मी कहा गया है। घर की औरतों को विशेष प्रेम और सम्मान दें यदि घर की महिलाएं आपके व्यवहार से दुखी हैं तो मां लक्ष्मी घर से रूठ कर चली जाती है।
महिलाएं भी अपने पति व सास-ससुर को उचित सम्मान दें ।मां लक्ष्मी पतिव्रता है। वह सदैव भगवान विष्णु के चरणों की सेवा करती है और जिन स्त्रियों में पतिव्रता होने का है उन पर महालक्ष्मी विश्व की विशेष कृपा होती है।
घर में तुलसी और केले का पौधा अवश्य रखें और कार्तिक मास शुरू होने से ही वहां शाम के समय घी का दीपक जलाएं तुलसी में मां लक्ष्मी का वास है और केले में भगवान विष्णु का वास होता है ।यहां दीपक दान करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों की कृपा आपके घर पर बने रहेगी।
तो यह थी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय अब जाने दीपावली की रात लक्ष्मी पूजा की विधि और सामग्री की लिस्ट।
इसमें पूजा की सामग्री की लिस्ट:
- मां लक्ष्मी और गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति या तो तस्वीर भी ले सकते हैं।
- घर के मुख्य द्वार को सजाने के लिए आम के पत्तों और गेंदे के फूलों से बना वंदनवार।
- लाल फूलों की माला।
- मां लक्ष्मी को भेंट करने के लिए सुहाग की वस्तुएं जैसे चूड़ियां ,सिंदूर ,बिंदी ,काजल और मेहंदी यह सब आप दिवाली के बाद किसी सुहागन स्त्री को भेंट कर दे।
- गंगाजल।
- लाल वस्त्र।
- चौकी।
- कमल का फूल।
- रोली।
- मोली।
- नारियल।
- चावल।
- मिठाई।
- घर पर बनी खीर।
- मिट्टी के दो बड़े दिए व 21 छोटे दिए छोटे दिए।
- गन्ना।
- घी।
- तेल।
दिवाली पूजा विधि:
दिवाली के त्यौहार में विशेष रुप से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है ।ऐसी मान्यता है कि विधि विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन और ऐश्वर्य की कभी कमी नहीं रहती।
- दिवाली के दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन किया जाता है। उनके पूजन के लिए सबसे पहले आप पूजा स्थान को साफ़ करें और एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
- चौकी पर लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति स्थापित करें। यदि संभव हो तो नई मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें और गणेश जी के दाहिनी तरफ माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
- पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें और चौकी पर भी थोड़ा गंगाजल डालें। हाथ में लाल या पीले फूल लेकर गणेश जी का ध्यान करें और उनके बीज मंत्र - ऊँ गं गणपतये नम:का जाप करें।
- गणेश जी को तिलक लगाएं और उन्हें मुख्य रूप से दूर्वा तथा मोदक अर्पित करें।
- माता लक्ष्मी का पूजन भी भगवान गणपति के साथ करें उसके लिए माता लक्ष्मी को लाल सिंदूर का तिलक लगाएं और मां लक्ष्मी के श्री सूक्त मंत्र का पाठ करें। इनके साथ आप धन कुबेर और मां सरस्वती का पूजन करें।
- महालक्ष्मी को सुहाग की वस्तुएं, कमल का फूल और पुष्प अर्पित करें।
- गन्ने को भी चौकी के साइड में स्थापित करें। गन्ने में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। और मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है।
- मां लक्ष्मी और गणेश जी के सामने जी का बड़ा दीपक प्रज्वलित करें।
- साथ ही 21 छोटे दीपक प्रज्वलित करें और घर के सभी कोनों में रखें।
- पूजन के बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें और भोग अर्पित करें।
- आरती के बाद भोग परिवार जनों में वितरित करें।
- लक्ष्मी और गणेश जी के पूजन के बाद दीये प्रज्वलित करें।
यदि आप स्वच्छ और साफ मन से इस विधि का प्रयोग करके मां लक्ष्मी को प्रसन्न करेंगे। तो यह दीपावली आपके लिए अत्यंत शुभ होगी।
तो यह थी दीपावली पर की जाने वाली लक्ष्मी पूजा की विधि जो कि ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल शास्त्री द्वारा बताई गई है। पोस्ट पसंद आई तो अपने मित्रों के साथ शेयर कीजिए।
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