एंजाइटी यानी चिंता एक ऐसी चीज है जो लगभग हर इंसान अपने जीवन में कभी न कभी अनुभव करता है। कभी-कभी एंजाइटी फील होना आम बात है पर अगर यह ज्यादा देर तक और लगातार बनी रहे तो हमारे स्वास्थ्य के लिए घातक हो जाती है और एक बीमारी का रूप ले लेती हैं जिसे कहते हैं एंजायटी अटैक।
तो चलिए बात करते हैं इस बारे में । एंजायटी अटैक आखिर क्या है और इस समस्या से जूझ रहे इंसान में क्या लक्षण होते हैं। इसके कारण क्या है और हम किस तरह से एंग्जाइटी के इस वार से खुद को बचा सकते हैं।

एंग्जाइटी अटैक के कारण:
सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि एंग्जाइटी अटैक आखिर क्यों हो रहे हैं। इनके कारण को समझकर हमें अपने लाइफ स्टाइल में कुछ बदलाव लाने होंगे
खानपान में लापरवाही:
हमारे भोजन का हमारे शरीर और मन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। भारतीय परंपरा में कहावत बहुत पुरानी है की जैसा खाए अन्न वैसा होय मन इसलिए हमेशा हमारा भोजन ऐसा होना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाले। अगर हमने खाने-पीने में लापरवाही बरती या कुछ ऐसा खा रहे हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है तो वह anxiety का सबसे बड़ा कारण हो सकता है।
थाइरोइड या अन्य कोई हार्मोनल बीमारी:
थायराइड हार्मोन आपके मूड से संबंधित कई महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमीटर बनाने और विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है,यदि आपका थायरॉयड ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो ये न्यूरोट्रांसमीटर बेकार हो सकते हैं, जिससे चिंता और घबराहट के दौरे पड़ सकते हैं।
एस्ट्रोजन की मात्रा का बढ़ जाना
जिस तरह आपका थायराइड और स्ट्रेस हार्मोन असंतुलित हो जाता है, उसी तरह सेक्स हार्मोन के असंतुलन का भी आपके मूड पर असर पड़ता है। आपके सिस्टम में बहुत अधिक एस्ट्रोजन का निर्माण होने लगता है और आपके पासअपने एस्ट्रोजन को संतुलित करने के लिए पर्याप्त प्रोजेस्टेरोन नहीं होता है तो आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं, जो स्पेक्ट्रम के एक छोर से दूसरे छोर तक बेतहाशा उतार-चढ़ाव करते हैं। विशेष रूप से सिंथेटिक एस्ट्रोजेन (जैसे जन्म नियंत्रण और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी) पैनिक अटैक और अवसाद दोनों का कारण बन सकते हैं।
यदि आप टॉक्सिक लोगों से घिरे हुए हैं।
यदि आपके आसपास टॉक्सिक लोग हैं जो आपको हमेशा नकारात्मक उर्जा दे रहे हैं तो यह इनसाइटी का कारण बन सकते हैं। ऐसे में आपको उन लोगों पर से ध्यान हटाने की जरूरत है और उनकी बातों को नजरअंदाज करने की भी। आप जिस माहौल में रहते हैं या जिन लोगों के बीच रहते हैं वह आपके मन और दिमाग पर असर डालता है।
रेडिएशन:
मोबाइल फोन और लैपटॉप से निकलने वाली हानिकारक रेडिएशन भी हमारे दिमाग पर बुरा असर डालती हैं जिसके लिए एंजाइटी एक आम समस्या हो जाती है। कोशिश करें कि जरूरत से ज्यादा मोबाइल और लैपटॉप के आदि ना हो।

एंजायटी अटैक के लक्षण :
- आप हर परिस्थिति को और अधिक बुरा होने का सोचेंगे
- छोटी-छोटी बातों पर बहुत अधिक सोचना
- नींद लेने में परेशानी होना।
- खुद की तुलना औरों से करना।
- डरा हुआ महसूस करना
- शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस करना।
- कोई गलती होने पर खुद को आरोपी मानना।
- अचानक से किसी बात को लेकर घबराहट महसूस होना।
- उर्जा में कमी और थका हुआ महसूस करना।
- कंसंट्रेशन की कमी ।

अब बात करते हैं कि कैसे आप इनसाइटी के अटैक से खुद को बचा सकते हैं:
- तो सबसे पहले तो आप यह स्वीकार करें कि आपको एंजाइटी की बीमारी हो गई है। और आपको कुछ बदलाव लाने होंगे जिससे कि आप एंजायटी को अपने जीवन से दूर कर सकें।
- अपने खान-पान पर ध्यान दें हमेशा संतुलित और हेल्दी डाइट अपनाएं।
- सुबह जल्दी उठे और एक्सरसाइज के लिए वक्त निकाले यह पहले ही दिन से anxiety attacks मे सुधार करेगा।
- अपने अंदर चल रहे विचारों पर ध्यान दें। बहुत अधिक ना सोचे ।
- अपने पूरे दिन की दिनचर्या निर्धारित करें।
- अपने लक्ष्य पर मेहनत करे । भविष्य में होने वाले उसके परिणाम की चिंता ना करें।
- चाय या कॉफी से मिलने वाले कैफ़ीन की मात्रा को कम करें।
- किसी करीबी से दिल खोल कर बातें करें।
- मोबाइल फोंस और टेक्नोलॉजी से ब्रेक ले
- समस्याओं के लिए समाधान के बारे में सोचें।
- कुछ समय कुदरत के साथ बिताए।
- खुद को संवारने के लिए समय निकालें
- पर्याप्त नींद ले।
- किसी से बहुत अधिक अपेक्षा ना रखें।
Anti-anxiety जीवन जीने के लिए additional tips:
खुद से प्यार करना शुरू करे। खुद को खुश रखने की अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से निभाए । खुली हवा में बैठकर मेडिटेशन करें। खुश रहने के बहाने ढूंढे। और जिन बातों से आप परेशान होते हैं उन्हें नजरअंदाज करना सीखें। जीवन में मिली हुई असफलताओं से निराश ना हो। अपने परिवार और दोस्तों के साथ वक्त बिताए।
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